हे शनिदेव, तेरी महिमा अपरमपार है।
मेरी तुमसे यही प्रार्थना है मेरे से कभी भी अन्याय,
अत्याचार, दूराचार, पापाचार, व्यभिचार ना हो।
दुःख और सुख जीवन का हिस्सा हैं।
सुख में अभिमान ना करूँ।
दुःख के समय मुझे इतनी शक्ति दो कि मैं उसका सामना कर सकूँ।
हे शनिदेव ! मैं तेरी सन्तान हूँ।
मुझे एक ऐसी राह दिखा, जहाँ मैं तेरी सच्चे रास्ते की राह सबको दिखा सकूँ।
जय शनिदेव। जय शनिदेव। जय शनिदेव।